JAIVIK

SKSKF के महिला महासंगठन के द्वारा ग्राम में किसान संगोष्ठी सिविर लगाकर किसानो को जैविक खेती कराने के लिए जानकारी तथा प्रेरित करना और उपयुक्त सुविधा प्रदान करना।

जैविक खेती एक ऐसी पद्धती है जिसमें रासायनिक उर्वरकों, कीटनाशकों तथा खरपतवारनाशियों के स्थान पर जैवांश खाद, पोषक तत्वों गोबर कि खाद, कम्पोस्ट हरी खाद, जीवाणु कल्चर, जैविक खाद आदि जैवसाधनों बायोपेस्टीसाइड व बायोएजेंट जैसे क्राइसोपा आदि का उपयोग किया जाता है जिससे न केवल कृषि की उर्वरा शक्ति लंबे समय तक बनी रहती है बल्कि पर्यावरण भी प्रदूषित नहीं होता तथा कृषि लागत घटने व उत्पाद की गुणवत्ता बढ़ने से कृषि कों अधिक लाभ मिलता है। जैविक खेती वह सदाबहार कृषि पद्धति है जो प्राकृतिक जल व वायु की शुद्धता भूमि की प्राकृतिक स्वरूप बनाने वाली, जलधारण क्षमता बढ़ाने वाली धैर्यशीलकृत संकल्पित होने हुए रसायनों का उपयोग आवश्यकतानुसार कम से कम करने हुए कृषक को कम लागत से दीर्घकालिन स्थिर व अच्छी गुणवत्ता वाली परम्परागत पद्धति है।

जैविक खेती के महत्व- 1. भूमि की उर्वरा शक्ति में टिकाऊपना। 2. जैविक खेती प्रदूषण रहित। 3. कम पानी की आवश्यकता। 4. पशुओं का अधिक महत्व (संवर्धन)। 5. फसल अवशेषों को खपाने की समस्या नहीं। 6. अच्छी गुणवत्ता की पैदावार। 7. कृषि मित्र जीव सुरक्षित एवं संख्या में बढ़ोत्तरी। 8. स्वास्थ्य में सुधार। 9. कम लागत, अधिक लाभ।

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