-जीवन जीने की सही विधि -मन की एकाग्रता -सकारात्मकता -आत्मविश्वास -उत्साह -धैर्य -ध्यान -स्वयं विकास -ऊर्जा -अध्यात्मिक साधना -शांत दिमाग -आत्मचिंतन
बच्चे
आज के बच्चे पढ़ाई व अच्छे परफॉर्मेंस व बूरा माहौल के दबाव में रहते हैं। यह प्रेशर मानिक तनाव का कारण बनता है। जिनसे बच्चो में चिड़-चिड़ा पन बढ़ता है। और धीरे-धीरे अपने सुविधानुसार अपने आप की और अपने समय की दुरुपयोग करने लगता है। अगर बच्चे योग मेडिटेशन करेंगे तो मन को शांति मिलेगा। और बेहतर विकास होगा। बच्चे की याद दाश्त (स्मरण शक्ति) एकाग्रता में वृद्धि होती है। शांत दिमाग में सही और गलत में अच्छी परख रखते हैं। इस लिए विपरीत परिस्थिति में आगे बढ़ेगा। जिनसे भारत में बढ़ रहे क्राइम स्तर कम हो सकता है। क्योंकि हम सब जानते है कि आज के बच्चे कल की भविष्य है इसलिए कहते है। अच्छा अन्न, अच्छा मन, अच्छा तन, अच्छा धन, अच्छा सोच होगा तो गलत संगती नही होगा। इससे बच्चे और भारत का अच्छा भविष्य का निर्माण होगा।
युवक
नव जवान अगर योग मेडिटेशन, ध्यान जान जायेंगे समझ जायेंगे और अपनी जीवन शैली में आदत बना लेंगे तो अपने जीवन को सफलतापूर्वक चलाना सीख जायेंगे। जैसे- सही मार्ग में चलना, अच्छा संगत में रहना, नशा मुक्त जीवन जीना और अपनी जीवन के हर समस्या का सामना करने योग्य बन जायेंगे। आत्म चिंतन कर अपने उज्जवल भविष्य का निर्माण कर सकता है। और अच्छा परिवार अच्छा गांव, देश-प्रदेश को बनाये रखने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है।
बुजुर्ग
वृद्धावस्था में आने के बाद सुकून के पल गुजारने के लिए बहुत अच्छा उपाय है। योग मेडिटेशन और ध्यान